Sunday, June 2, 2019

अपने बच्चे से दूरी, एक पिता की नज़रों से।

औने - पोने शब्द तो अब बोलने लगे होंगे,
पहले जहां से संभलकर उतरते थे,
अब वहीं से कूदने लगे होंगे।

क्या अब भी घर में सबसे, पहले उठते हो?
क्या अब भी घर में सबसे, निडर तुम्हीं हो?

सीढ़ियां चड़ते उतरते समय,
थोड़ा ध्यान रखना।
माना कि तुम अब बड़े हो गए हो,
पर बाहर निकलो तो मम्मी का हाथ थामे रखना।

आंख, नाक, गुठना, मुंह और सिर,
तो तुम पहले भी बताते थे।
मेरी ज़िन्दगी में जो भरे तुमने रंग,
क्या अब उन्हें भी पहचानते हो?

बहुत वक्त हो गया, तुम्हे अपने कंधो पर बिठाए,
बहुत वक्त हो गया, अपने हाथो से खाना खिलाएं।
अगली बार मिलोगे, तो सबसे पहले यही करूंगा,
अगली बार मिलोगे, तो सबसे पहले अपना परिचय दूंगा।

No comments:

Post a Comment